दिन-रात काम करने वाला डाकघर
श्रीनगर में डल झील पर बना डाकघर
उपरोक्त जानकारी एक स्थानीय समाचार पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई है , जिसे आपके साथ बाॅटना चाहती हूॅ।
नाम:- निकिता बजाज
डाक सहायक ,
प््राधान डाकघर खरगोन-451001 ,
खण्डवा मण्डल , खण्डवा (मध्यप्रदेष)
जम्मू-कष्मीर में जहां षाम होते ही सड़क पर सन्नाटा छा जाता है , एक सरकारी कार्यालय रात में भी खुला रहता है। श्रीनगर में डल झील के किनारे बना डाकघर रात को भी खुला रहता है। सवाल उठता है कि इतनी रात यहां कोई क्यों आएगा? जवाब भी हाजिर है। लोग अपनी चिट्ठयां डालने , स्पीड पोस्ट , पार्सल देने , डाक टिकट खरीदने आते है।
श्रीनगर के इस 24 घंटे खुले रहने वाले डाकघर की काया पलटने वाले यहां के पोस्टमास्टर जनरल जाॅन सैम्युअल हैं। करीब दो साल पहले तक यह डाकघर बुरी हालत में था। इमारत पुरानी थी ही , रंग-रोगन फीका पड़ चुका था , जाले लगे थे। सैम्युअल ने आते ही इसकी सफाई की जिम्मेदारी ली। अषांति के कारण पूरे जम्मू-कष्मीर में डाक सेवाएं ठप पड़ी थी। सैम्युअल के प्रयत्नों से आज प्रदेष के 1700 डाक खाने काम कर रहे है। इस डाकघर को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्षन में दूसरा स्थान मिला। वहां का धंधा 54 फीसदी बढ़ गया।
सैम्युअल कहते है कि - यह सिर्फ मेरी कामयाबी नहीं है , इसमें स्टाफ की भी भागीदारी है। वे ठीक दस बजे यहां आते हैं , हर कर्मचारी से मिलते हैं। उनका हाथ बंटातें है।
सैम्युअल ने संयुक्त राष्ट्र के डाक विभाग के सलाहकार के रूप में काम किया था। वे जानते है कि कर्मचारियों का हौसला कैसे बढ़ाया जाए। उन्होंने डल झील में एक तैरता हुआ डाकघर भी खोला है। उन्होंने जनता से जुड़ने के लिए ‘माय स्टांप‘ का विचार फैलाया और जनता जुड़ने लगी। श्रीनगर का यह डाकघर देष के प्रत्येक डाकघर के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
श्रीनगर में डल झील पर बना डाकघर
उपरोक्त जानकारी एक स्थानीय समाचार पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई है , जिसे आपके साथ बाॅटना चाहती हूॅ।
नाम:- निकिता बजाज
डाक सहायक ,
प््राधान डाकघर खरगोन-451001 ,
खण्डवा मण्डल , खण्डवा (मध्यप्रदेष)
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